5 जिलों में रेड अलर्ट, 80 किमी/घंटा तक चलेंगी हवाएं — फसलों पर मंडराया खतरा
छत्तीसगढ़ में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव अब चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका है। इसका सीधा असर आज यानी 28 अक्टूबर को प्रदेश के कई हिस्सों में देखने को मिलेगा।
🚨 दक्षिण छत्तीसगढ़ में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है।
इन इलाकों में 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। कुछ जगहों पर यह रफ्तार 80 किमी/घंटा तक पहुंचने का अंदेशा है।
🟠 ऑरेंज और 🟡 यलो अलर्ट भी जारी
कोंडागांव, कांकेर, धमतरी और गरियाबंद में ऑरेंज अलर्ट।
रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार, महासमुंद, बालोद, राजनांदगांव और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में यलो अलर्ट।
मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की भी चेतावनी दी है।
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🌩️ रायपुर में बादल, बस्तर में झमाझम
रविवार को बस्तर के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई, वहीं राजधानी रायपुर में भी बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी हुई।
रायपुर (माना) में अधिकतम तापमान 33.6°C दर्ज हुआ।
अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 17.5°C रहा।
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🌊 कैसे बना ये सिस्टम?
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना एक गहरा अवदाब (Low Pressure Area) अब चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका है।
मौसम विभाग के मुताबिक, इसका असर बस्तर और रायपुर संभाग में सबसे ज्यादा रहेगा। अगले 3 से 4 दिन तक तेज बारिश और हवाओं की संभावना है।
📊 आंकड़ों के मुताबिक, 1 से 26 अक्टूबर के बीच प्रदेश में 89.4 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है — जो सामान्य से 59% ज्यादा है।
आमतौर पर 15 अक्टूबर तक मानसून लौट जाता है, लेकिन इस बार अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में भी झमाझम बारिश जारी है।
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🌾 फसलों पर संकट
तेज हवाओं और लगातार बारिश से खेतों में खड़ी फसलों पर संकट मंडरा रहा है।
कृषि मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि कटाई हो चुकी फसलों को तुरंत सुरक्षित जगह पर रखें, ताकि वे भीगकर खराब न हों।
विशेषकर धान और सब्जी फसलें इस बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं।
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⚠️ मौसम विभाग की अपील
दक्षिण छत्तीसगढ़ के लोगों से अपील की गई है कि वे:
बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें
पेड़ों, बिजली के खंभों और ऊंची जगहों से दूर रहें
स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग के अलर्ट पर नजर बनाए रखें