सफलता की कहानी
मुंगेली। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने जिले में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में नई राह खोल दी है। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से अब आम लोग न सिर्फ अपने घरों की बिजली जरूरतें पूरी कर रहे हैं, बल्कि हरित ऊर्जा अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं।
मुंगेली जिले में अब तक 700 से अधिक नागरिकों ने इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। लोगों में इसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
इसी कड़ी में सोनकर सिटी निवासी श्री नरेंद्र देवांगन ने अपने घर की छत पर 3 किलोवॉट क्षमता का सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित कर एक प्रेरक उदाहरण पेश किया है। पहले जहां हर महीने बिजली बिल का निश्चित बोझ रहता था, वहीं अब उनका बिल काफी कम हो गया है। जल्द ही वे नेट मीटरिंग के माध्यम से अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आय अर्जित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
श्री देवांगन ने बताया, “सूर्य की असीम ऊर्जा को अपनाकर न केवल मैं अपने घर को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बना रहा हूँ, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी अपना छोटा सा योगदान दे रहा हूँ। यदि हर परिवार अपनी क्षमता के अनुसार सौर ऊर्जा को अपनाए, तो जिला ही नहीं, पूरा प्रदेश ऊर्जा आत्मनिर्भर बन सकता है।”
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार योजना को जन-जन तक पहुंचाने लगातार प्रयासरत है। इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार से 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
1 किलोवॉट के सोलर पैनल पर ₹45,000 तक,
2 किलोवॉट पर ₹90,000 तक,
और 3 किलोवॉट पर ₹1,08,000 तक की सहायता राशि दी जा रही है।
योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक का भारतीय नागरिक होना, घर की छत सोलर पैनल लगाने योग्य होना और वैध बिजली कनेक्शन होना आवश्यक है। सोलर प्लांट को ग्रिड से जोड़कर अतिरिक्त बिजली बेचकर आर्थिक लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है।
पीएम सूर्यघर योजना न सिर्फ सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा का मार्ग प्रशस्त कर रही है, बल्कि हर घर को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बना रही है।