मुंगेली - प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी मुंगेली में बिरनपुर मामले पर पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया ।

मुंगेली - प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी मुंगेली में बिरनपुर मामले पर पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया । जिसमें बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पाण्डेय , जिलाध्यक्ष घनश्याम वर्मा सहित जिला/शहर /ब्लाक/ समस्त प्रकोष्ठ के पदाधिकरी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहें । इस दौरान पूर्व विधायक शैलेश पाण्डे पत्रकारो से रूबरू होते हुए कहा कि सीबीआई की चार्जशीट से साफ बिरनपुर मामले में भाजपा ने सांप्रदायिक और जातीय कार्ड खेला था बिरनपुर मामले में सीबीआई ने विशेष अदालत में अपनी चार्ज शीट दाखिल किया है। खबरो में सीबीआई की चार्ज शीट के तथ्य भी सार्वजनिक हुए है। सीबीआई ने चार्ज शीट में घटना का विस्तृत विवरण दिया है, उनकी विवेचना में स्पष्ट हुआ है कि यह घटना क्रम दो बच्चों के झगड़े से शुरू हो कर दो परिवारों तक पहुंचा और बाद में यह दो समुदायों का झगड़ा बन गया। सीबीआई ने अपनी जांच में यह भी पाया कि इस घटना में कोई राजनैतिक षडयंत्र नहीं था. यह एक मामूली झगड़ा था. जिसने खूनी रूप ले लिया। सीबीआई जांच के बिन्दु भाजपा सरकार ने तय किया था यदि जांच के बिन्दु में घटना के बाद के राजनैतिक षडयंत्र होता तो भाजपा बेनकाब हो जाती ।
वही जिलाध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने कहा कि बिरनपुर मामले में सीबीआई की चार्ज शीट से साफ हो गया की, उस समय भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार और कांग्रेस पार्टी पर जो आरोप लगाया था वह झूठा था। यह आरोप भाजपा की चुनावी लाभ लेने के उदेश्य से की गई राजनैतिक साजिश थी। सीबीआई की चार्जशीट ने भाजपा का काला चेहरा सामने रख दिया। भाजपा ने उस समय घटना को सांप्रदायिक और जातीय रंग दे कर राजनैतिक लाभ लेने का षडयंत्र रचा था। तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अरुण साव घटना के बाद वहां जा कर पूरे घटना क्रम को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किए और उसमें वे सफल भी रहे। अरूण साव जब घटना स्थल गये थे, तब उनके सामने आगजनी की गयी थी, वे वहां पर भड़काऊ भाषण दिये थे।
बिरनपुर मामले को लेकर भाजपा ने एक समाज को कांग्रेस के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में भी पूरे प्रप्रदेश में इस झगड़े को सांप्रदायिक रंग देने का प्रप्रयास किया। प्रप्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह सभी ने अपनी चुनावी सभा में इस दुर्भाग्य जनक घटना को धार्मिक और जातीय झगड़े से जोड़ केप्रप्रस्तुत किया। भाजपा ने मृतक भुनेश्वर के पिता ईश्वर साहू को टिकिट दे कर सहानुभूति बटोरने की साजिश किया। इस अवसर पर 
सीबीआई की जांच यह भी साफ हो गया कि उस समय कांग्रेस की सरकार ने जो कार्यवाही की, घटना के लिए जिम्मेदार मान कर जिन लोगों की गिरफ्तारियां की वह सही थी। भाजपा ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का झूठा और मनगढंत आरोप लगाया था तथा भाजपा नेताओं ने उस समय राजनैतिक लाभ लेने ध्रुवीकरण के लिए गलत बयानी किया था। ईश्वर साहू भी अपने बयानों में जिस व्यक्तिक्त अंजोर यदु पर आरोप लगाते थे, उसे भी सीबीआई ने दोषी नहीं माना है, सीबीआई की चार्ज शीट में इसका कोई उल्लेख नहीं है। इससे साफ है कि बिरनपुर मामला भाजपा की सोची समझी साजिश थी।
भाजपा के इस षडयंत्र का कांग्रेस को राजनैतिक रूप से नुकसान हुआ। सीबीआई की चार्ज शीट के बाद तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान उप मुख्यमंत्री अरुण साव में जरा भी नैतिकता हो तो अपने पद से त्याग पत्र दे कर छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने गैर जिम्मेदाराना भाषण के लिये छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगे ।
इस अवसर पर शैलेश पाण्डेय जिलाध्यक्ष घनश्याम वर्मा श्याम जायसवाल आत्मा सिंह क्षत्रिय हेमेन्द्र गोस्वामी रोहित शुक्ला स्वतंत्र मिश्रा दिलीप बंजारा अरविंद वैष्णव अभिलाष सिंह आरीफ खोखर उर्मिला यादव मंजू शर्मा अनीता विश्वकर्मा इंद्रजीत कुर्रे राजेश छेदईया सागर सोलंकी जलेश यादव भूपेन्द्र साहू विष्णु खांडे असद खोखर विनय कुमार तारणी विश्वकर्मा सतीश यादव मनहरण अखिलेश साहू राजेश सोनी धीरेन्द्र कुमार सहित बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहें ।

Patrika Mungeli

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