रायपुर । बहुचर्चित कस्टम मिलिंग स्कैम मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने आज एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के खिलाफ माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रायपुर में 1500 पृष्ठों का अभियोग पत्र (चार्जशीट) प्रस्तुत किया है। यह प्रकरण अपराध क्रमांक 01/2024 के अंतर्गत दर्ज है। दोनों आरोपी वर्तमान में केंद्रीय जेल रायपुर में निरुद्ध हैं। इससे पूर्व फरवरी 2025 में इस मामले में रोशन चन्द्राकर और मनोज सोनी के खिलाफ पहला चालान दाखिल किया जा चुका था। ईओडब्ल्यू के अनुसार, अनिल टुटेजा ने छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर कस्टम मिलिंग स्कैम में राइस मिलरों से अवैध वसूली की। इस अवैध वसूली से उन्होंने कम से कम ₹20 करोड़ का अनुचित लाभ प्राप्त किया। इसके लिए मार्कफेड के जिला विपणन अधिकारियों पर दबाव बनाकर राइस मिलरों के बिल रोक दिए जाते थे, ताकि वे ₹20 प्रति क्विंटल की दर से रिश्वत देने पर मजबूर हो जाएं। वहीं, अनवर ढेबर वर्ष 2022–23 में एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति रहे हैं। आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान मिले डिजिटल साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ कि वे न केवल शराब घोटाले, बल्कि तत्कालीन शासन के पीडब्ल्यूडी, वन विभाग जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों पर भी प्रत्यक्ष प्रभाव रखते थे। ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया है कि अनवर ढेबर ने कस्टम मिलिंग स्कैम में अनिल टुटेजा के लिए राइस मिलरों से की गई अवैध वसूली की राशि का संग्रह, व्यय, निवेश और उपभोग किया। इस मामले में रामगोपाल अग्रवाल सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ विवेचना अभी भी जारी है। ईओडब्ल्यू ने यह भी संकेत दिया है कि जांच के आगे बढ़ने पर इस घोटाले से जुड़े और भी नामों का खुलासा संभव है।
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