मुंगेली — प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी मुंगेली जिले के समीपस्थ ग्राम कोदवा बानी में 27 जून 2025 को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भक्तों को दर्शन देने पवित्र रथ पर सवार होकर गांव के विभिन्न मोहल्लों में भ्रमण करेंगे।
यह दिन केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, समर्पण और आनंद का महापर्व होता है। इस दिन जब पूरा संसार पुरीधाम की ओर निहारता है, तब ग्राम कोदवा बानी में भी उसी श्रद्धा और उत्साह के साथ रथ यात्रा निकाली जाती है। मान्यता है कि रथ खींचने से जन्मों के पाप कटते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रद्धालु “जय जगन्नाथ” के उद्घोष के साथ रथ को खींचते हैं।
भगवान जगन्नाथ मानव धर्म, संस्कृति और विश्व-चेतना के साक्षात प्रतीक माने जाते हैं। वे वर्ष में एक बार अपने भाई और बहन के साथ रथ यात्रा पर निकलते हैं ताकि समस्त मानव जाति को दर्शन देकर उन्हें कल्याण की राह दिखा सकें। यह यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को होती है, जिसमें जाति, धर्म, वर्ग व भाषा के बंधनों से परे होकर समाज एकजुट हो जाता है।
रथों पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विग्रहों को छूने का सौभाग्य केवल इस दिन मिलता है। यह यात्रा यही संदेश देती है कि यदि इस शरीर रूपी रथ पर भगवान को आरूढ़ कर दिया जाए, तो कंस रूपी पाप-वृत्तियां स्वतः नष्ट हो जाती हैं और आत्मा दिव्यता प्राप्त कर लेती है।
भाजपा नेता व भाजयुमो जिला मीडिया प्रभारी अरविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि ग्रामीण अंचल में रथ यात्रा निकालने की यह परंपरा ग्राम कोदवा बानी के प्रतिष्ठित नागरिक, प्रेरणा स्रोत व मार्गदर्शक ठाकुर स्व. जीवन सिंह (उमेंदी सिंह) के सान्निध्य से प्रारंभ हुई थी और आज भी पूरी आस्था के साथ जारी है।
रथ यात्रा केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और समर्पण का पर्व है।
“सबको साथ लेकर चलना ही तो रथ है,
और सबको अपना मान लेना ही तो प्रभु का पथ है!”