बिलासपुर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) द्वारा आयोजित योग संगम कार्यक्रम में आज 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने एक साथ योगाभ्यास कर "स्वस्थ जीवन, शांत मन और संतुलित आत्मा" का संदेश दिया।
वसंत विहार ग्राउंड, बिलासपुर में आयोजित इस भव्य आयोजन में योग के प्रति अभूतपूर्व उत्साह देखा गया। कार्यक्रम का नेतृत्व एसईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हरीश दुहन ने किया। उनके साथ एसईसीएल परिवार की प्रथम महिला एवं श्रद्धा महिला मंडल की अध्यक्षा शशि दुहन, कोल इंडिया के कार्यकारी निदेशक (सामुदायिक विकास) ओपी मिश्रा, श्रद्धा महिला मंडल की उपाध्यक्षा इप्सिता दास, एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य नाथूलाल पांडे (एचएमएस), एके पांडे (सीएमओएआई), विभागाध्यक्षगण, अधिकारी-कर्मचारी, डीएवी स्कूल के छात्र-छात्राएं और शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
प्रशिक्षकों ने कराया योगाभ्यास, दिया मानसिक शांति का संदेश
कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित कॉमन योगा प्रोटोकॉल के अंतर्गत ब्रह्मकुमारी संस्था एवं आर्ट ऑफ लिविंग के अनुभवी योग प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को योग एवं प्राणायाम का अभ्यास कराया। प्रशिक्षण में ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, शवासन जैसे विविध योग आसनों के साथ-साथ अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति जैसे प्राणायाम भी सम्मिलित थे। आयोजन स्थल पर सुबह से ही लोगों की उपस्थिति ने योग के प्रति गहरी रुचि और जागरूकता को दर्शाया।
सीएमडी का संदेश: योग को अपनाएं जीवनशैली के रूप में
अपने प्रेरणादायक संबोधन में सीएमडी हरीश दुहन ने कहा, "योग केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो शरीर, मन और आत्मा में संतुलन स्थापित करता है। इसे हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल कर, निरोग जीवन की ओर बढ़ना चाहिए।"
उन्होंने कार्यक्रम की सफलता में सहयोग देने वाली सभी योग संस्थाओं, प्रशिक्षकों, स्वयंसेवकों और नागरिक समाज के योगदान के लिए विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया।
सीधा प्रसारण: प्रधानमंत्री और कोयला मंत्री के योग कार्यक्रम का प्रसारण भी हुआ
कार्यक्रम के दौरान विशाखापट्टनम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आयोजित योग सत्र तथा ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी द्वारा संपन्न योग कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी प्रतिभागियों को दिखाया गया। यह जुड़ाव राष्ट्रीय स्तर पर योग के महत्व को रेखांकित करता है।
वृक्षारोपण: "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
मुख्य योग सत्र के उपरांत एसईसीएल के रविंद्र भवन परिसर में "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर हरीश दुहन, शशि दुहन, ओपी मिश्रा, इप्सिता दास एवं विभागाध्यक्षों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने का संदेश दिया।
वृक्षारोपण कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल पर्यावरण संतुलन को बनाए रखना था, बल्कि मातृस्मृति को सम्मान देने के भाव से जुड़ा एक मानवीय संदेश भी इसमें समाहित था। एसईसीएल द्वारा चलाया गया यह अभियान कर्मचारियों और नागरिकों में पर्यावरण चेतना का प्रतीक बनता जा रहा है।
सक्रिय भागीदारी: योग संस्थाओं की भूमिका सराहनीय
इस आयोजन में ब्रह्मकुमारी, आर्ट ऑफ लिविंग, गायत्री परिवार, छत्तीसगढ़ योग आयोग, पतंजलि योग समिति एवं आर्य समाज जैसे प्रतिष्ठित संगठनों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इन संस्थाओं की विशेषज्ञता, अनुशासन और समर्पण ने कार्यक्रम को विशेष ऊंचाई प्रदान की।
निष्कर्ष:
एसईसीएल का यह आयोजन न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाला रहा, बल्कि यह सामाजिक समरसता, पर्यावरण चेतना और भारत की समृद्ध योग परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने का एक प्रभावशाली माध्यम भी सिद्ध हुआ।
योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि आत्मविकास और आत्मसाक्षात्कार की एक वैज्ञानिक पद्धति है – इस संदेश के साथ "योग संगम" कार्यक्रम ने अपने उद्देश्य को पूरी तरह सार्थक किया।