मुंगेली । संत रामपाल जी महाराज जी के पावन मार्गदर्शन में संचालित अन्नपूर्णा मुहिम के तहत ग्राम तिलकपुर निवासी दिव्यांग विधवा दशोदा भास्कर (35 वर्ष) को राहत सामग्री एवं आवश्यक सहयोग प्रदान किया गया। दृष्टिहीन दशोदा भास्कर के पति द्वारिका भास्कर का निधन लगभग चार वर्ष पूर्व हो चुका है। परिवार में तीन छोटे बच्चे — शत्रोहन (कक्षा 8वीं), पूर्णिमा (कक्षा 6वीं) और वीरु (कक्षा 2री) हैं, जिनकी शिक्षा व पालन-पोषण की जिम्मेदारी अकेले दृष्टिहीन माता के कंधों पर है। पति की मृत्यु के बाद से परिवार आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहा है। शासन से मात्र ₹500 प्रतिमाह विधवा पेंशन और 35 किलो चावल (राशन कार्ड से) प्राप्त होता है, जो जीवन-यापन के लिए अपर्याप्त है। परिवार के पास न खेती की जमीन है और न ही कोई आय का स्थायी स्रोत। भाई द्वारा दी गई छोटी सी जगह पर बना कच्चा मकान ही उनका आश्रय स्थल है। अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने परिवार को 25 किग्रा चावल, 5 किग्रा आटा, 4 प्रकार की दालें, 2 लीटर सरसों तेल, 4 किग्रा चीनी, मसाले, चाय, दूध पाउडर, आलू-प्याज, नहाने व कपड़ा धोने का साबुन, वाशिंग पाउडर, आचार, बेसन, दलिया, 2 साड़ियाँ, 2 पेटीकोट, बच्चों के लिए कपड़े, 2 कंबल, 3 स्कूल बैग और 2 प्लास्टिक कुर्सियाँ आदि सामग्री प्रदान की।
लाभार्थी दशोदा भास्कर ने भावुक होकर कहा —  “संत रामपाल जी महाराज भगवान के समान हमारे परिवार की मदद कर रहे हैं, जब कोई नहीं पूछता तब वे सहायता के लिए आते हैं।”
ग्रामीण दयादास घृतलहरे ने कहा कि “संत रामपाल जी महाराज सभी असहाय परिवारों के लिए भगवान बनकर कृपा कर रहे हैं।” वहीं रविशंकर भास्कर ने अन्नपूर्णा मुहिम के माध्यम से की गई सहायता के लिए संत समाज का आभार व्यक्त किया। गौरतलब है कि संत रामपाल जी महाराज जी की अन्नपूर्णा मुहिम आज पूरे देश में मानवता की सेवा का प्रतीक बन चुकी है। इस अभियान के जरिए जरूरतमंद, विधवा एवं दिव्यांग परिवारों तक नियमित रूप से राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है। यह मुहिम समाज में “मानवता ही सच्चा धर्म है” के संदेश को साकार कर रही है।
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