छत्‍तीसगढ़ राज्‍य अलंकरण और सम्‍मान की घोषणा: पत्रकार मुकेश एस. सिंह को होंगे मधुखर खरे स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित

रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर दिए जाने वाले राज्य अलंकर और सम्मानों की घोषणा कर दी है। राजधानी रायपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में आज डिप्टी सीएम अरुण साव ने इसकी घोषणा की। राजधानी के तीन पत्रकारों को भी राज्य अलंकरण देने की घोषणा की गई है। इसमें वरिष्ठ पत्रकार भोलाराम सिन्हा (प्रिंट) मोहन तिवारी ( इलेट्रानिक ) और मुकेश एस. सिंह (प्रिंट अंग्रेजी) का नाम शामिल हैं। भोलराम सिन्हा और मोहन तिवारी को चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं, मुकेश एस. सिंह को मधुखर खरे स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

मुकेश एस. सिंह ने बताया कि मेरा पत्रकारिता यात्रा का आरंभ अप्रैल 1998 में मध्य भारत के प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी समाचार पत्र द हितवाद से एक सर्वेयर के रूप में हुआ। वरिष्ठ पत्रकारों रम्मू श्रीवास्तव और जॉर्ज कुरियन के निर्देशन में, मैंने स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम किया और शिक्षा बीट को कवर करने का अवसर प्राप्त किया।

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय, संपादकीय कार्यभार श्री रमेश नैय्यर ने संभाला, और उसी दौरान मैंने खेल पत्रकारिता में कदम रखा। राज्य के विभिन्न जिलों में खेल आयोजनों की विस्तृत कवरेज करते हुए, मैंने खेल पत्रकारिता में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। मेरी पुस्तक ए विंडो ऑन स्पोर्ट्स इन छत्तीसगढ़ का विमोचन प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने किया, और इसके माध्यम से राज्य में खेल पत्रकारिता को नई दिशा मिली।

2007 में, मैंने पुनः द हितवाद जॉइन किया, जहाँ नक्सल-प्रभावित क्षेत्रों और राजनीतिक रिपोर्टिंग में सक्रिय भूमिका निभाई। 2008 में मुझे मुख्य रिपोर्टर (Chief Reporter) के पद पर पदोन्नत किया गया, जिससे मेरी जिम्मेदारियों में वृद्धि हुई और मैंने महत्वपूर्ण खबरों पर विशेष कवरेज करना शुरू किया। इसके बाद, 2010 में, मुझे समाचार संपादक के पद पर पदोन्नत किया गया, और मेरा व्यंग्यात्मक कॉलम लेफ्ट-राइट-लेफ्ट लोकप्रियता प्राप्त कर सका। वर्तमान में केंद्रीय कानून प्रवर्तन, वित्तीय कार्य बल, नागरिक उड्डयन, और वन्यजीव संरक्षण जैसे विषयों में मेरी रुचि है।

मेरा जन्म मुंबई में हुआ, किंतु मेरी जड़ें वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हैं। मेरे पिताजी श्री एस. एस. सिंह भारतीय खाद्य निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, और मेरी माताजी श्रीमती निर्मला सिंह एक साधारण गृहिणी हैं। मेरी शैक्षणिक योग्यता बीसीए और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग में उच्च डिप्लोमा है।

मेरा पत्रकारिता यात्रा में मुझे कई अद्भुत मार्गदर्शक और संपादकों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिन्होंने मेरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी को सुदृढ़ किया। इनमें समूह संपादक श्री विजय फणशिकर, श्री रम्मू श्रीवास्तव, श्री जॉर्ज कुरियन, श्री रमेश नैय्यर, स्वर्गीय पं. दीनदयाल पुरोहित, श्री शरत रोटकर, श्री राजेंद्र महांति, श्री आर. कृष्णा दास और मेरे वर्तमान स्थानीय संपादक श्री ई.वी. मुरली का विशेष योगदान रहा है।

Patrika Mungeli

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