मुंगेली । विकासखंड लोरमी के अंतर्गत ग्राम लक्षनपुर एवम ग्राम गैंजी में आदिवासी समाज के द्वारा ईशर गौरा विवाह महापूजन पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि टी आर ध्रुव रहे एवम कार्यक्रम अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष रामजी ध्रुव ने किया एवम विशिष्ट अतिथि दयाराम ध्रुव रहे आदिवासी समाज के लोग दीपावली की रात छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में परंपरानुसार गौरी-गौरा विवाह का पर्व मनाया गया। इस मौके पर मिट्टी के बने गौरी-गौरा, जिन्हें शिव-पार्वती का प्रतीक माना जाता है, को स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की गई और लोकगीतों और नृत्य के बीच उनका विवाह कराया गया। आज गौरी-गौरा के विसर्जन के लिए शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं, जिसमें महिला-पुरुष जमकर डांस कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन पर देवी सवार हो गई हैं। गौरी-गौरा पूजा की परंपरा मुख्यत: आदिवासी समाज के बीच है लेकिन अन्य समाज के लोग भी उसमें शामिल होते हैं। इसमें दीपावली की रात कुम्हार के घर से गौरी-गौरा की प्रतिमा को लाकर एक निश्चित स्थान पर रखा जाता है और रातभर लोकगीतों और नृत्यों के बीच श्रृंगार और पूजा-अर्चना का कार्यक्रम चलता है। अगली सुबह गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें सर पर कलश के साथ गौरी-गौरा को लेकर महिला-पुरुष चलते हैं। साथ ही इसमें महिलाओं और युवतियों की टोली पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ताल पर डांस करती हुई चलती हैं। दोपहर के बाद विसर्जन का सिलसिला शुरू हो जाता है मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष चंद्रू ध्रुव, जिला महासचिव, सूरज कोल, संयुक्त सचिव देवा मार्को उगेश्वर ध्रुव,महेंद्र ध्रुव, बिरेंद्र ध्रुव, संतोष ध्रुव, लोचन ध्रुव, शेर सिंह, झाझीहर जगसिंह नेटी, धनीराम ध्रुव, शिवकुमार ध्रुव, भोलेशंकर ध्रुव, संतोष ध्रुव, रामचंद्र ध्रुव,आनंदी ध्रुव, शिवकूमार, पेसी ध्रुव, लखन ध्रुव, प्रकाश ध्रुव, एवम बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग एवम ग्रामवासी उपस्थित रहे
Tags
लोरमी