आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम पर राशि का बंदरबांट ! : बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने आत्मरक्षा का दिया जाना था प्रशिक्षण....शिक्षा विभाग के अफसरों की उदासीनता के चलते जमकर चला मनमानी.... स्कूल शिक्षकों ने ही दे दिया बालिकाओं को प्रशिक्षण... जानिए क्या बोले डीईओ और कलेक्टर

मुंगेली । मुंगेली जिले के पथरिया विकासखण्ड में स्कूली बालिकाओं को दी जाने वाली रानी लक्ष्मीबाई आत्मप्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का बंदरबांट करने का आरोप शिक्षा विभाग के अफसरों पर लगा है।दरअसल जिले के कर्राटे प्रशिक्षण कार्य से जुड़े प्रशिक्षक चैतराम साहू ने इसको लेकर कलेक्टर राहुल देव से लिखित में शिकायत दर्ज कराया था,कलेक्टर के निर्देश पर मामले में जब जांच हुई तो कई चौंकाने वाले कारनामे भी सामने आ रहे है।

 जानिए कैसे उठा इस खेल पर से पर्दा

शिकायत कर्ता चैतराम साहू ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा था कि पथरिया विकासखण्ड के जिन स्कूलों में बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाना था ,उन स्कूलों में प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है।वही शिकायत में यह भी कहा गया था कि प्रशिक्षण के नाम पर खाना पूर्ति करते हुए स्कूल शिक्षकों के द्वारा ही प्रशिक्षण दे दिया गया है,जबकि इसके लिए जुडो ,कर्राटे,ताइक्वांडो,किक बॉक्सिंग ,मार्शल आर्ट जैसे अन्य विधाओं में पारंगत खिलाड़ी या प्रशिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना था।कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच हुई तो पता चला कि पथरिया विकासखण्ड के कई स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिए जाने के नाम पर भुगतान किया गया है । कायदे से जारी गाइडलाईन के मुताबिक प्रति स्कूल 15 हजार रुपये की राशि प्रशिक्षकों को PFMS पोर्टल के माध्यम से प्रधानपाठक या प्राचार्य द्वारा किया जाना था,लेकिन नियम विपरीत स्कूल के प्राचार्य और प्रधानपाठको के द्वारा सीधे प्रशिक्षक को नगद भुगतान कर दिया दिए जाने की बात सामने आई है।

 मॉनिटरिंग नही होने से चला मनमर्जी

इधर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी और उदासीन रवैय्ये के चलते इसको लेकर मॉनिटरिंग भी नही किये जाने की ख़बर है।यही वजह है कि कई स्कूलों में आज तक प्रशिक्षण भी नही हुआ है और जहां हुआ भी है उनमे से कई स्कूलों में गाइडलाईन से परे प्रशिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण देकर नियम विरुद्ध तरीके से राशि आहरण कर किया गया है।और तो और कई स्कूलों में तो प्रशिक्षण हुआ भी हैं तो प्रशिक्षकों को स्वीकृत राशि से कम भुगतान किया गया है।


 शिकायत कर्ता ने उठाया सवाल

शिकायत कर्ता ने सवाल उठाया है कि नियम विरुद्ध स्कूल शिक्षकों ने शाला अवकाश के बाद प्रशिक्षण लेने की बात कहते हुए जिस तरह से स्कूलों में प्रशिक्षण दिया है।और फिर नियम विरुद्ध तरीके से प्रधान पाठक एवं प्राचार्यो ने भुगतान किया है ।यह मनमर्जी जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और मॉनिटरिंग नही करने की वजह से निर्मित हुई है।

 गाइडलाईन को किया गया दरकिनार

प्रशिक्षकों के चयन को लेकर आत्मरक्षा प्रशिक्षण की जिम्मा संभाल रहे शिक्षा विभाग के अफसर को जिला स्तर पर चयन टीम बनाना था ,जिस पर कलेक्टर के अनुमोदन के पश्चात ही प्रशिक्षको का चयन होता,और फिर उन्हें स्कूलों का प्रशिक्षण के लिए आबंटित किया जाता ,लेकिन नियम कायदों को दरकिनार कर बालिकाओं को आत्म निर्भर बनाने जैसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण का कार्य शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते मजाक बनता हुआ नजर आ रहा है।क्योकि जिम्मेदारो के द्वारा प्रशिक्षण को लेकर न मॉनिटरिंग किया गया और न ही मॉनिटरिंग दल का गठन किया गया।

 दोषियों पर होगी कार्रवाई -कलेक्टर

  आत्मरक्षा प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का बंदरबांट और मनमानी का खुलासा होते ही शिक्षा विभाग में जहाँ हड़कम्प मचा हुआ है। तो वही डीईओ सीके धृतलहरे का कहना है कि जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है।PFMS पोर्टल के माध्यम से भुगतान करने की बजाय नगद भुगतान किया गया है,इसके अलावा कुछ शिक्षको के द्वारा भी प्रशिक्षण देने की बात सामने आई है तो संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है। वही कलेक्टर राहुल देव का कहना है कि इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी,जिसको लेकर जांच कराई गई ,जांच रिपोर्ट में कुछ खामियां पाई गई है जिसे दुरुस्त करने कहा गया है ,जो भी तथ्य सामने आते है उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

Patrika Mungeli

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